संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारम्भ
चित्रकूट। भारत रत्न राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख की कर्म स्थली चित्रकूट में स्वाबलंबन शिक्षा के लिए स्थापित उद्यमिता विद्यापीठ परिसर के विवेकानंद सभागार में शुक्रवार को जहां एक तरफ संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित सतत विकास लक्ष्यों को यथार्थ के धरातल पर उतारने लिए हाइब्रिड मोड में भारत सहित अनेक देशों के विद्वान सरकार और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि विचार विमर्श कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सतत विकास लक्ष्यों के लिए पूरी दृढ़ता के साथ नवाचारों में संलग्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाएं, विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र ने भी अपनी गतिविधियों की नयनाभिराम प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया।
ज्ञात हो कि दीनदयाल शोध संस्थान के विभिन्न प्रकल्पों ने भी अपने कार्यों एवं गतिविधियों की प्रदर्शनी लगाई है। देश भर से आए संस्थाओं के प्रतिनिधि रुचि पूर्वक नानाजी देशमुख की संकल्पना एवं कार्यशैली के प्रयासों एवं ग्राम विकास के अभिनव मॉडलों की अपने कार्य क्षेत्रों में संभावनाओं को तलाश रहे हैं।
बताते चलें कि तीन दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का शुभारंभ केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। चार खंडों में लगाई प्रदर्शनी में सतत विकास के सभी लक्ष्यों के प्रतिपूर्ति की दिशा में संबंधित कार्यदायी संस्थाओं ने अपने-अपने स्टाल लगा रखे हैं।
केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय इम्फाल के अधीन संचालित अटारी जोन 6-7 के 6 कृषि विज्ञान केंद्रों ने वैल्यू ऐडेड फूड, इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम से संबंधित कार्यों की प्रदर्शनी लगाई है। कृषि विज्ञान केंद्र प्रयागराज, लखनऊ, प्रयागराज -2 ने इम्यूनिटी डेवलपमेंट के प्रोडक्ट प्रदर्शित किए हैं। सीएसए कानपुर विश्वविद्यालय के अधीन कन्नौज, औरैया, फतेहपुर, कानपुर देहात के कृषि विज्ञान केंद्रों ने भी प्रदर्शनी लगाई है। कुपोषण दूर करने में सहयोगी सहजन के उत्पाद भी प्रदर्शित किए गए हैं। कृषि विज्ञान केंद्र कौशांबी ने एसडीजी के अनुरूप संचालित अपनी गतिविधि भी प्रदर्शित की है। दीनदयाल शोध संस्थान के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्र गनीवा और मझगवां कृषि विज्ञान केंद्र ने अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया है।
स्टॉल में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र गनीवा और मझगवां के माध्यम से कम लागत पर ज्यादा आमदनी, दुगनी आय वाले अनेक कार्यक्रम संचालित होते हैं। मुर्गी पालन, मोती पालन, एकीकृत कृषि मॉडल, घर में निर्मित कंपोस्ट मॉडल, ढाई एकड़ एवं एक एकड़ वाले छोटे कृषि मॉडल को प्रदर्शित किया गया है।
बताया गया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नियमों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी लगाई है। पशु पालन विभाग कर्वी ने अपनी योजनाओं को प्रदर्शित किया है। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के अधीन दीनदयाल कौशल केंद्र के माध्यम से उत्पादित खाद्य सामग्री, घरेलू औषधियां और अचार – मुरब्बा तथा सीजनल पेय पदार्थ प्रदर्शित किए गए हैं। कृषि संकाय ने अपनी प्रदर्शनी में कृषि के अभिनव प्रयोगों की जानकारी प्रदर्शित की है। मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत बीएसडब्ल्यू और एमएसडब्ल्यू कोर्स की पाठ्य सामग्री प्रदर्शित की गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय चित्रकूट के स्टाल में चिकित्सा जानकारी के साथ शुगर की जांच और ब्लड प्रेशर जांच की व्यवस्था की गई। इसी के साथ स्टॉल में क्षय रोग के जांच की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। ज्ञात हो कि यहां गर्भनिरोधक गोलियां एवं चिकित्सकों द्वारा उचित मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है। बाल विकास विभाग सतना जिला के स्टाल में कुपोषण से बचाव के उपाय भी बताए जा रहे हैं। लोक स्वास्थ्य सतना के स्टाल में आवश्यक स्वास्थ्य जानकारी और उपयोगी दवाएं वितरित की जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग में महिलाओं के कल्याण और बच्चों की सुरक्षा से संबंधित जानकारी प्रदर्शित की जा रही है। स्कूल शिक्षा के पंडाल में शिक्षा के पोस्टर प्रदर्शित किए गए।
बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य से आए जसपुर, बलरामपुर, सरगुजा, कोरिया, रायगढ़ सहित 6 कृषि विज्ञान केन्द्रों ने सतत विकास लक्ष्य के अनुरूप किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्रदर्शित की। उद्यानिकी एवं खाद्य विभाग सतना ने अपना स्टॉल लगाया है। कृषि एवं किसान कल्याण सतना के पंडाल में प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में विभिन्न नवाचारों को प्रदर्शित किया गया है। पर्यटन विभाग सतना ने मध्य प्रदेश पर्यटन संबंधी जानकारी प्रस्तुत की है। मध्य प्रदेश राज्य के मंडला, डिंडोरी, ग्वालियर, रतलाम, शहडोल, सीधी, लहार-भिंड, मुरैना, नौगांव-छतरपुर, दतिया, टीकमगढ़, बांदा, हमीरपुर , महोबा आदि जिलों में स्थापित कृषि विज्ञान केंद्र ने कृषि उत्पादन, कृषि नवाचार , प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों को प्रदर्शित किया है। श्रम प्रवर्तन कार्यालय सतना ने अपने स्टाल में बाल श्रम कानून की जानकारी प्रदर्शित की है।