– परम्परागत तरीके से खेती करने पर दिया जोर
चित्रकूट : विकास पथ सेवा संस्थान ने राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार नई दिल्ली के सहयोग देऊधा गांव में रविवार को विज्ञान संचार व विज्ञान मीडिया के माध्यमों से कृषि उत्पाद व नवाचार के लिए परम्परागत एवं आधुनिक वैज्ञानिक ज्ञान विषय पर एक दिवसीय संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
एक दिवसीय संवाद कार्यक्रम में संस्थान के कार्यकर्ता व समाजसेवी डाॅ प्रभाकर सिंह ने बताया कि ने बताया कि यह एक दिवसीय संवाद कार्यक्रम कृषि जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से किया गया है। रासायनिक खाद व कीटनाशक दवाओं के निरंतर उपयोग से खेतों की मिट्टी का स्वास्थ्य खराब हो रहा है, जिसका दुष्परिणाम मानव सहित छोटे-बड़े, जीव-जंतुओं को भुगतना पड़ रहा है। इसके बचाव के लिए गांव में प्रत्येक कृषक को जैविक खाद व जैव कीटनाशक दवाएं घर में बनाकर खेतों में उपयोग करना होगा तभी मिट्टी का स्वास्थ्य अच्छा होगा और शुद्ध वातावरण का निर्माण होगा। बताया कि रासायनिक उर्वरकों के अधिक उपयोग से मिट्टी, जल, वायु सभी दूषित हो जाएंगे और सम्पूर्ण मानव जाति को खतरा है। बताया कि संस्थान द्वारा मानिकपुर और रामनगर विकास खंडों के नादिन कुर्मियान, घुरेहटा, रामनगर, लालापुर, चंद्रामारा, बौनापुरवा, सेमरदहा, बगरेही इत्यादि सहित 20 गांव के लोग अब तक इस जानकारी से लाभांन्वित हो चुके है। विषय विशेषज्ञ डा. विकास सिंह ने रासायनिक उर्वरकों से होने वाले नुकसान तथा भारतीय कृषक एवं कृषि विशेषज्ञ व सुभाष पालेकर ने शून्य बजट कृषि के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। क्षेत्र पंचायत सदस्य रामनगर संजय कुमार, विषय विशेषज्ञ गोपालकृष्ण, अरविंद सिंह, लवलेश सिंह, आदित्य मिश्रा आदि मौजूद रहे।