गौशालाओं की बदहाली दूर करने को युद्धस्तर पर प्रयास जरूरी

Spread the love

: हाल मुख्यालय की समीपवर्ती पाही ग्राम पंचायत की गौशाला का

चित्रकूट:  ज्यादातर गौशाला में गायों को खाने में धान का पैरा दिया जाता है। बारिश में पैरा भी गीला हो गया नतीजा कंगाली में आटा गीला हो गया। तमाम गौशालाओं में दो दिन की बारिश ने कीचड़ और गंदगी मचा दी।

बुन्देली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार को मरजादपुर में बनी पाही ग्राम पंचायत की गौशाला को देखा। गौशाला के टीनशेड में पानी भर गया था और परिसर में जोरदार कीचड़ था। यहां गायों की सेवा में लगे सेवादारों ने पास की डामर रोड में पैरा और भूसा डाल रखा था जिसे गायें खा रही थी। टीनशेड में कीचड़ की सफाई के लिए सफाईकर्मी लगे हुए थे। मुख्यालय की नजदीकी इस गौशाला को देखकर थोड़ा राहत हुई। जिले की तमाम गौशालाओं में बारिश के बाद हुई बदइंतजामी दूर करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास जरूरी हैं। बारिश जैसे ही रुकी भीषण ठण्ड का दौर शुरू होगा और इस ठण्ड में गायों को सुरक्षित रख पाना चुनौती से कम नहीं होगा। सभी गौशालाओं में भूसे का प्रबंध, अलाव और टीनशेडों में पन्नी की तिरपाल लगाना बेहद जरूरी है। बुन्देली सेना ने इसके अलावा नगर क्षेत्र में अन्ना घूम रही गायों को भी गौशालाओं में शिफ्ट किए जाने का प्रशासन से अनुरोध किया है। आसमयिक बारिश से बेजुबान ही सबसे ज्यादा हलाकान परेशान हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!