समय सीमा के तहत कार्याें में प्रगति लाए कार्यदायी संस्थाएं

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– एडीएम नमामि गंगे ने की पेयजल परियोजनाओं की समीक्षा बैठक

चित्रकूट : अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे सुनंदु सुधाकरण ने बुधवार को बैठक आयोजित कर जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा की। एडीएम ने कहा कि किसी भी स्तर से लापरवाही नहीं हो, यह जल निगम की जिम्मेदारी है।

      सिलौटा पेयजल परियोजना अंतर्गत इंटेक वेल की भौतिक प्रगति 25 फीसदी पाई गई। एप्रोच पुल और इलेक्ट्रिक पंप  हाउस का काम भी शुरू नहीं हुआ है। एडीएम को प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि दो दिन में बाकी काम भी शुरू हो जाएंगे। मौके पर क्रेन भी आ चुकी है। कार्यदायी संस्था के लोगों ने बताया कि डब्लूटीपी की भौतिक प्रगति 45 फीसदी तक पहुंच गई है। सभी घटकों पर समांतर काम चल रहा है। सिलौटा स्कीम में 475 किमी में से 220 किमी तक पाइपलाइन बिछा दी गई है। सभी ओवरहेड टैंकों की औसत भौतिक प्रगति 39 फीसदी है। उधर, चांदी बांगर परियोजना में इंटेकवेल का काम 35 फीसदी पूरा पाया गया। डब्लूटीपी का 45 फीसदी काम पूरा हो चुका है। पाइपलाइन 390 किमी बिछाई जा चुकी है। एडीएम नमामि गंगे ने इस दौरान तीसरी पेयजल परियोजना रैपुरा ग्राम परियोजना का भी निरीक्षण किया। इसमें पाया कि कार्यदायी संस्था जीवीपीआर ने इंटेकवेल में 39 फीसदी,  डब्लूटीपी में 47 फीसदी काम पूरा किया है। 190 किमी पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है। एडीएम ने प्रोजेक्ट मैनेजर को निर्देशित किया कि समय सीमा का ध्यान रखते हुए कार्य में प्रगति लाएं। इंटेकवेल और ओएचटी की प्रगति पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इस मौके पर नोडल विभाग जल निगम के अधिशासी अभियंता, पीएमसी के सुपरविजन अभियंता, टीपीआई टीम लीडर तथा दोनों कार्यदायी संस्थाओं के प्रोजेक्ट मैनेजर उपस्थित रहे।

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