-सीएमओ कार्यालय में मनाया गया राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन दिवस
-जनपद में 32 कुष्ठ रोगियों का चल रहा इलाज
चित्रकूट। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में रविवार को राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन दिवस मनाया गया। राष्ट्रपिता के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर कार्यक्रम की शुरुआत अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ इम्तियाज अहमद ने की। यहां पर कुष्ठ रोगियों को सेल्फ केयर किट और एमसीआर फुटवियर दिए गए। इसी के साथ कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता अभियान (कुष्ठ के विरुद्ध युद्ध) शुरू हो गया। यह 13 फरवरी तक चलेगा।
इस अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से लोगों को जागरूक करेगा। स्वास्थ्य विभाग ऐसे रोगियों की खोज के लिए विशेष अभियान चलाएगा। वर्तमान में जनपद में 32 कुष्ठ रोगी चिन्हित हैं। जिनका उपचार चल रहा है। जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल के निर्देशन पर स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान शुरू किया गया है।
नोडल अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा इम्तियाज अहमद ने कहा कि कुष्ठ रोग कोई कलंक नहीं है, बल्कि दीर्घकालीन संक्रामक रोग है, जो माइक्रोबैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु से फैलता है। यह हाथ-पैरों की परिधीय तंत्रिका, त्वचा, नाक की म्यूकोसा और श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से को प्रभावित करता है। यदि कुष्ठ रोग की पहचान और उपचार शीघ्र न हो तो यह स्थायी विकलांगता का कारण बन जाता है। उन्होंने कहा कि किसी भी कुष्ठ रोगी से भेदभाव नही करना चाहिए। ऐेसे रोगियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन अभियान के अंतर्गत कुष्ठ दिवस 30 जनवरी से स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। अप्रैल 2021 से अब तक 32 मरीज खोजे गए हैं। कुष्ठ रोगियों को 2500 प्रति माह पेंशन भी दी जा रही है।
कुष्ठ रोग के लक्षण
कुष्ठ रोग के नोडल ने बताया कि लेप्रोसी या कुष्ठ के दौरान शरीर पर सफेद चकत्ते यानी निशान पड़ने लगते हैं। ये निशान सुन्न होते हैं यानी इनमें किसी तरह का सेंसेशन नहीं होता है। अगर इस जगह पर कोई नुकीली वस्तु चुभोकर देखेंगे तो दर्द का अहसास नहीं होता। ये पैच या धब्बे शरीर के किसी एक हिस्से पर होने शुरू हो सकते हैं, जो ठीक से इलाज न कराने पर पूरे शरीर में भी फैल सकते हैं। इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ मुकेश पहाड़ी, कृष्णं मुरारी त्रिपाठी, वरिष्ठ सहायक, अमित सक्सेना, विकास गुप्ता, चीफ फार्मासिस्ट, कुलदीप सिंह व ज्ञान चंद्र शुक्ला आदि रहे।