113 वर्ष की आयु में अमरावती महराज हुए गोलोकवासी

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:  उचेहरा के गौरीधाम में किए गए समाधिस्थ

चित्रकूट। पाठा क्षेत्र स्थित अमरावती आश्रम के 113 वर्षीय संत निर्भयदास जी महाराज सोमवार को गोलोकवासी हो गए। उचेहरा (सतना) स्थित गौरिधाम आश्रम में उन्हें समाधिस्थ किया गया। सैकड़ों की तादाद में शिष्यगण उनके अंतिम दर्शन को यहां पहुंचे थे। बुन्देली सेना ने उनके निधन को अपूर्णीय क्षति करार देते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। कहा वह सदा-सदा भक्तों के बीच रहेंगे और अपनीं कृपा बरसाते रहेंगे।

    बुन्देली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि अमरावती महराज तपस्वी मूर्ति थे। पिछले करीब 70 वर्षों से वह अमरावती आश्रम में रह रहे थे। उनके हजारों की तादाद में स्थानीय लोग शिष्य हैं साथ ही साथ बाहरी तमाम जिलों में भी उनके भक्तों की बड़ी श्रृंखला है l पिछले 4 वर्षों से बीमार हो जाने पर महराज श्री उचेहरा स्थित गौरीधाम आश्रम में सेवालाभ ले रहे थे। सोमवार की भोर में उन्होंने अपने शरीर को छोड़ दिया। सोमवार को उचेहरा आश्रम में ही शिष्य मंडल ने उन्हें अंतिम विदाई दी और पूरे विधि-विधान से उन्हें समाधिस्थ किया।

नोट- समाचार में फ़ाइल फोटो लगाई गई है।

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