झाड़ फूंक नहीं, मानसिक बीमारी का कराएं इलाज

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– शिविर में लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में किया जागरुक

चित्रकूट : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सीतापुर में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गुरुवार को शिविर आयोजित किया गया। यहां पर लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुक किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ भूपेश द्विवेदी ने कहा कि मानसिक रोगों से घबराने की जरूरत नहीं है। मानसिक रोगों को छिपाएं नहीं और न ही झाड़-फूंक के चक्कर में पड़े। झाड़-फूंक से रोग और जटिल हो जाता है।

     उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में मानसिक बीमारी के इलाज की पूरी व्यवस्था है। यहां पहुंचकर के नियमित इलाज कराएं, यह पूरी तरह से ठीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि अपनी मनोस्थिति इस प्रकार की बनाएं कि इलाज की जरूरत ही न पड़े। मानसिक रोगी अपना ज्यादातर समय पारिवारिक लोगों के साथ बिताएं, अकेले में रहने से बचें। इसके साथ ही अपनी पसंद की अच्छी फिल्में देखें, किताबें पढ़ें ताकि ध्यान इधर-उधर न भटके। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संतोष कुमार ने मनोरोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नींद न आना, स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना, सिर दर्द, घबराहट होना, इसके साथ ही किसी चीज को बार-बार करना जैसे ताला बंद करने के बाद उसे एक से अधिक बार झटक कर देखना कि सही से बंद है या नहीं। स्वयं की तुलना किसी नामी व्यक्ति से करना और उसके जैसे हाव भाव प्रदर्शित करना मानसिक बीमारी के लक्षण हैं। ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉ नरेंद्र देव पटेल से परामर्श लें और इलाज कराएं।

   शिविर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के स्टाल लगाए गए थे, जहां पर एक सैकड़ा से अधिक लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं दी गई। इस मौके पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवरामपुर के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ लखन स्वरूप गर्ग, सीतापुर के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ शैलेंद्र गौरव, मनोचिकित्सक डॉ नरेंद्र देव पटेल, डीपीएम आरके करवरिया, डीपीसी क्षय रोग ज्ञानचंद शुक्ला, सायकेट्रिक सोशल वर्कर संजय कुमार, सायकेट्रिक नर्स विनोद कुमार, आशाएं, आशा संगिनी व पीएचसी के कर्मचारी मौजूद रहे।

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