खेलकूद ,ललित कला, बौद्धिक एवं सांस्कृतिक प्रतिभाओं का हुआ सम्मान

खेलकूद ,ललित कला, बौद्धिक एवं सांस्कृतिक प्रतिभाओं का हुआ सम्मान
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– पंच दिवसीय ग्रामोदय महोत्सव 2022 का समापन

– खेलकूद ,ललित कला, बौद्धिक एवं सांस्कृतिक प्रतिभाओं की हुई पहचान
– कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने प्रतिभाओं किया पुरस्कृत

– तकनीकी नवाचार से समाज कार्य स्नातक परीक्षा का त्वरित मूल्यांकन और परीक्षा परिणाम घोषित

– ग्रामीण वॉलीबॉल मैच की विजेता शील्ड सीतापुर को मिली
चित्रकूट। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में चल रहे पांच दिवसीय महोत्सव का समापन खेलकूद ललित कला एवं सांस्कृतिक प्रतिभाओं की पहचान एवं कुलपति प्रो भरत मिश्रा द्वारा उन्हें सार्वजनिक रूप से पुरस्कृत करने के साथ हो गया। ग्रामोदय महोत्सव के मुख्य संयोजक एवं अधिष्ठाता कला  प्रोफेसर नंदलाल मिश्रा, अधिष्ठाता विज्ञान प्रोफेसर आई पी त्रिपाठी, अधिष्ठाता प्रबंधन प्रोफेसर अमरजीत सिंह, अधिष्ठाता कृषि प्रोफेसर डी पी राय, अधिष्ठाता डॉ आंजनेय पांडेय, प्राध्यापक प्रो वीरेंद्र कुमार व्यास व डॉ देवेंद्र पांडेय आदि ने पुरस्कार वितरण में मौजूद रहे। इस अवसर पर तकनीकी नवाचार के तौर पर मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित समाज कार्य स्नातक पाठ्यक्रम के परिणाम की घोषणा प्रोग्राम निदेशक प्रो अमरजीत सिंह ने की। प्रो सिंह के अनुसार समाज कार्य के इस पाठ्यक्रम में पंजीकृत विद्यार्थी सीएमसीएलडीपी की वेबसाइट पर जाकर अपना रोल नंबर प्रविष्ट कर परीक्षा परिणाम देखने के साथ-साथ उसी समय कंप्यूटर जनरेटेड मार्कशीट भी डाउनलोड कर सकते हैं। साथ ही बीएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थी सीएमसीएलडीपी की वेबसाइट के माध्यम से अपना प्रवेश भी सुनिश्चित कर सकते हैं।          ज्ञातव्य हो कि समाज कार्य स्नातक की परीक्षाए कोरोना गाइडलाइन के अनुरूप प्रदेश के 313 विकासखंड मुख्यालयों एवं 51 जिला मुख्यालयों में शासकीय विद्यालयों एवं उत्कृष्ट महाविद्यालय में संपन्न कराई गई थी। सीएमसीएलडीपी के कार्यक्रम के निदेशक एवं नोडल अधिकारी प्रोफेसर अमरजीत सिंह ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर भरत मिश्र के मार्गदर्शन में परीक्षा मूल्यांकन एवं परिणाम के लिए ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे तकनीकी नवाचार का उपयोग कर 24 घंटे के अंदर परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है।

      ग्रामोदय महोत्सव के विशाल मंच से कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने  आयोजित प्रतिस्पर्धाओ  में प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाले विद्यार्थियों एवं विद्यार्थी समूह को पुरस्कार स्वरूप शील्ड एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। ललित कला प्रतियोगिता के संयोजक डॉक्टर प्रसन्न पाटकर द्वारा प्रस्तुत सूची के आधार पर प्रदर्शनी गतिविधि में प्रतिमा प्रजापति को प्रथम, कंचन सिंह को द्वितीय व  नेहा मिश्रा को तृतीय पुरस्कार मिला।इंस्टॉलेशन आर्ट में कोमल कुशवाहा, जिज्ञासा सिंह, आयुषी पांडे को कोलाज गतिविधि में, तरुण बाद, सत्यार्थी व सतीश कुमार को लोक कला में ,सुभाष निषाद रोहित व राहुल सिंह को, ऑन द स्पॉट पेंटिंग में चंदन, भूपत द्विवेदी , रेनू द्विवेदी को, पोस्टर मेकिंग में आशीष जड़िया,गीता यादव व श्रेया तिवारी को, मूर्ति कला में जानकी शरण, राजा प्रजापति व मानसी मौर्य को, कार्टूनिंग में राजेश कुमार, अभिलाष कुमार व अरुण कुमार को, रंगोली में साहिबा बानो,मुस्कान गुप्ता व  विकास सोनी को , और फोटोग्राफी विधा में तरुण मौर्य, संग्राम सिंह व विनीत को क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने के कारण पुरस्कार दिया गया।
सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के संयोजक डॉ विवेक फड़नीस द्वारा प्रस्तुत सूची के आधार पर एकल गायन में निखिल मिश्रा को प्रथम,कामता प्रसाद व  अंकिता द्विवेदीको द्वितीय एवं सुशील कुमार व अवंतिका को तृतीय पुरस्कार दिया गया और सांत्वना पुरस्कार महेश वर्मा को मिला। समूह गायन में बीपीए  को प्रथम, प्रबंधन को द्वितीय एवं बीएड को तृतीय पुरस्कार मिला। एकल नृत्य में  सुधांशु शुक्ला को प्रथम, दिव्यांशी जायसवाल को द्वितीय और अनमोल को तीसरा स्थान मिला। युगल नृत्य में पूर्वी राय एवं निकिता को प्रथम ,आकृति एवं शिखा राव को द्वितीय और शिवानी एवं आराधना को तृतीय पुरस्कार मिला । समूह नृत्य में पूर्वी राय एवं साथी को पहला, शिखा राव व साथी को द्वितीय और बीएलएड ग्रुप को तीसरा पुरस्कार मिला।
बौद्धिक प्रतियोगिताओं के संयोजक डॉक्टर राममूर्ति त्रिपाठी के द्वारा प्रस्तुत सूची के अनुसार निबंध लेखन में श्रेया तिवारी व अर्चना शुक्ला को प्रथम , नेहा यादव को द्वितीय,  पलक अग्रवाल, प्रिया त्रिपाठी व पूनम सिंह को तृतीय स्थान मिला । अंग्रेजी माध्यम की भाषण प्रतियोगिता में श्रेया तिवारी प्रथम , वर्तिका शुक्ला द्वितीय और दिव्या सिंह तृतीय स्थान पाने में सफल रही। इसी प्रकार हिंदी माध्यम की भाषण प्रतियोगिता में अर्चना शुक्ला को प्रथम, वर्तिका शुक्ला को द्वितीय और अंजली सोनी व रानू सिंह को तीसरा स्थान मिला।
अंग्रेजी माध्यम से हुई वाद विवाद प्रतियोगिता के पक्ष में अंजली सोनी व  श्रेया तिवारी पहले स्थान पर, वर्तिका शुक्ला व शशांक सिंह दूसरे स्थान पर और मानसी गोयल तीसरे स्थान पर रही ।  हिंदी माध्यम की प्रस्तुति में रितुल चौरसिया को प्रथम, रोहित कुमार बुनकर को द्वितीय और राहुल को तीसरा स्थान मिला। विपक्ष में  रानू सिंह प्रथम और अंशुल राठौर दूसरे स्थान पर रहे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रतिस्पर्धा के संयोजक विवेक फड़नीस द्वारा प्रस्तुत सूची के अनुसार एकल गायन में निखिल मिश्रा प्रथम, कामता प्रसाद व अंकिता द्विवेदी को द्वितीय और सुशील कुमार अवंतिका को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
खेलकूद प्रतियोगिताओं के संयोजक डॉ विनोद शंकर सिंह द्वारा  प्रस्तुत सूची के अनुसार  रिले रेस (पुरूष) में अरुण, कौशलेंद्र ,शिवम व प्रिंस को प्रथम स्थान मिला। अभिषेक, विकास परिषद व प्रदीप को दूसरा स्थान मिला। सावंत, शिवम, सलिल ,साहिल  व अंशु को तीसरा स्थान आने पर पुरस्कृत किया गया। महिला संवर्ग की रिले रेस में पूजा जायसवाल ,लीना गायकवाड , वर्षा, उर्वशी व आदित्य कृषि संकाय प्रथम रही। पूजा, सुमन दीप्ति,रेनू कला संकाय दूसरे स्थान पर तथा कीर्ति शुक्ला , अंकिता शिवहरे, श्रद्धा ,पूनम सिंह आईपीएसटी तीसरे स्थान पर रहकर पुरस्कार की भागीदार बनी। वालीबॉल पुरुष टीम में आई पी एस टी सी टीम विजेता रही और उपविजेता टीम के रूप में विज्ञान संकाय को पुरस्कृत किया गया। बैडमिंटन टीम में संदीप सिंह व पंकज पाल विजेता रहे। उप विजेता के रूप में अभिषेक पांडे व अन्य को पुरस्कार मिला। योगासन प्रतियोगिता में धीरेंद्र सिंह को प्रथम, श्याम बिहारी को द्वितीय और राकेश कुमार को तीसरा स्थान मिला। 100 मीटर की रेस में ऋषभ तिवारी, अंशु मिश्रा , ऋतुराज को ,200 मीटर में ऋतुराज सिंह, ऋषभ तिवारी व प्रदीप कुमार को, 400 मीटर में ऋषभ तिवारी ऋतुराज सिंह व अंशु मिश्रा को, 800 मीटर रेस में अंकित शुक्ला, अरुण मिश्रा व अजय कुमार को ,पंद्रह सौ मीटर दौड़ में शिवम पटेल, अंकित शुक्ला ,वास्तु कुमार को , 5000 मीटर रेस में प्रदीप कुमार, शिवम पटेल व अंकित शुक्ला को क्रमशः प्रथम व द्वितीय पुरस्कार मिला । इसी प्रकार महिला एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 100 मीटर दौड़ में अंकिता सिंह हरे दीप्ति त्रिपाठी व सुमन पाल को, 200 मीटर दौड़ में पूजा जायसवाल ,अंकिता शिवहरे व कृति शुक्ला को, 400 मीटर दौड़ में दीप्ति त्रिपाठी, शिल्पी प्रजापति व पूजा जायसवाल को, 800 मीटर दौड़ में पूजा देवी , कीर्ति त्रिपाठी, रागिनी ठाकुर को, 1500 मीटर दौड़ में दीप्ति त्रिपाठी, शिल्पी प्रजापति व पूजा देवी को प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान मिला।ऊंची कूद में पूजा देवी, दीप्ति त्रिपाठी, पूजा जयसवाल  तथा लंबी कूद में सुमन पाल, उपासना देवी शताक्षी गुप्ता को पुरस्कार मिला ।पुरुष वर्ग की ऊंची कूद में सुशील कुमार, ऋषभ तिवारी, चंदन सिंह परिहार को हाई  जंप व लंबी कूद में ऋतुराज सिंह, ऋषभ तिवारी ,प्रिंस जायसवाल को पुरस्कार मिला । पुरुष शॉट पुट में अभिषेक पटेल, अनिमेष मिश्रा व मोहित सिसोदिया को तथा जैवलिन में प्रणव त्रिपाठी, हरिओम त्रिपाठी व धीरेंद्र कुमार को, तथा प्रणव त्रिपाठी, अंकित परिहार व निवेश मिश्रा को पुरस्कार मिला । महिला  शॉटपुट में सुमन पाल, संध्या मिश्रा व पूजा देवी को क्रमशः प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान मिला। डिस्कस में सुमन पाल, पलक मिश्रा , आंचल जायसवाल को, महिला रिले में पुरस्कार दिया गया।
कबड्डी प्रतियोगिता में आशीष कुमार सिंह ,मोहित सिसोदिया, वीरेंद्र सिंह सावंत सिंह, अंशु मिश्रा, तुषार गौतम आशीष बागरी, नागेंद्र पटेल, वैभव बायर, राजवर्धन पाठक का समूह विजेता रहा। इसी प्रकार उप विजेता के रूप में कौशलेंद्र कुमार, आयुष द्विवेदी अरुण मिश्रा, आकाश ठाकुर, आदर्श मिश्रा ,प्रतीक सिंह ,आर्यन शर्मा, प्रद्युम्न, सुनील, आलिया व वरुण सिंह रहे। ग्रामीण वालीबाल प्रतियोगिता में सीतापुर की टीम विजेता और रजौला की टीम उपविजेता रही। पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का संयोजन प्रो वीरेंद्र कुमार व्यास व संचालन डॉ रामखेलावन पांडेय ने किया।
पूर्व छात्रों, कृषि वैज्ञानिकों और महिलाओं के विचारों से यादगार बना ग्रामोदय महोत्सव

चित्रकू। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों ने स्वीकारा कि शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में ग्रामोदय एक ब्रांड के रुप में विकसित हो सकता है।  ग्रामोदय महोत्सव के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों की श्रंखला में पूरा छात्र संगम कार्यक्रम का आयोजन हुआ। पूरा छात्रों ने अपने छात्र जीवन के अनुभव को साझा किया और माना कि आज मैं जिस मुकाम पर हैं उसके लिए ग्रामोदय का वातावरण और यहां की पढ़ाई लिखाई बहुत महत्वपूर्ण है। कुलपति प्रोफेसर भरत मिश्र ने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा कि एक व्यक्ति अपने जीवन में अनेक संस्थाओं के संपर्क में आता है किंतु शैक्षणिक संस्थान से उसका लगाव सबसे अलग और आजीवन चलने वाला होता है ।उन्होंने कहा कि छात्र ही शिक्षण संस्थाओं के ब्रांड एंबेसडर होते हैं। उन्होंने छात्रों का आवाहन किया कि वे ग्रामोदय की सभी खूबियों को मिलाकर  एक ब्रांड के रूप में विकसित और प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय ग्रामीण हेल्थ मिशन चित्रकूट जिला कार्यक्रम समन्वयक आर के करवरिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक कार्यों से जोड़ने का जो प्रयास होता है उसे संपूर्ण व्यक्तित्व विकास में मदद मिलती है। राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शासकीय जूनियर हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक रवि तिवारी ने अपने स्कूल में किए जा रहे नवा चारों को साझा किया। उन्होंने कहा कि कुछ अलग हटकर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरणा और प्रोत्साहन मुझे ग्रामोदय विश्वविद्यालय से मिला है। पूर्व छात्र रवि सिंह ने अपने शासकीय विद्यालय को निजी स्कूलों की तरह विकसित और लोकप्रिय बनाने और उसमें अनेक महत्वपूर्ण प्रशासनिक अधिकारियों के बच्चों के  पढ़ने के नवाचार को उन्होंने ग्रामोदय विश्वविद्यालय की शिक्षा पद्धति के अनुरूप बताया। निजी क्षेत्र के बैंक  अधिकारी पद पर कार्यरत इंजीनियर पदम नाभ उपाध्याय ने कहा कि ग्रामोदय में छात्रों का जो उन्मुखीकरण होता है ,उससे वह समस्याओं के हल करने का कौशल सीखता है। ग्रामोदय जैसी गतिविधियां दूसरे विश्वविद्यालय में नहीं होती। यहां के छात्रों का आत्मविश्वास और संप्रेषण कौशल बहुत अच्छा होता है, इसलिए मेरा विचार है कि आईआईटी और आईआईएम की तरह ही ग्राम गतिविधियों के केंद्र इस विश्वविद्यालय को ग्रामोदय ब्रांड के नाम से प्रस्तुत किया जाना चाहिए। नीलम परिहार और दीप्ति चौरे ने कहा कि इस विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत प्रॉब्लम सॉल्यूशन एटीट्यूट का विकास हमारे अंदर हुआ है । दुर्गा तिवारी ने अपनी सफलता का श्रेय ग्रामोदय विश्वविद्यालय को दिया है।पुराछात्रों ने योजना प्रस्तुत की,जिसमें एसोसिएशन की गतिविधियों को  जारी रखने के लिए कार्य योजना प्रस्तुत की गईं।  डिजिटल माध्यम से लोगों को जोड़ने, व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उपलब्धियों को साझा करने और पूरे वर्ष में एक दो बार मिलने के कार्यक्रम को भी शामिल करने की बात रखी गई है ।पूरा छात्रों ने कुलपति को आश्वस्त किया कि वे इस विश्वविद्यालय  से उन्होंने बहुत कुछ प्राप्त किया है और भविष्य में विश्वविद्यालय को  आवश्यकता अनुसार  वह सहयोग को तत्पर रहेंगे। कार्यक्रम का संयोजन विज्ञान एवं पर्यावरण संकाय के डॉक्टर अनिल अग्रवाल ने किया ।संचालन घनश्याम गुप्ता ने किया। छात्रों का अभिनंदन किया।
कृषकों की आय दोगुनी करने के लिए ग्रामोदय सतत प्रयासरत
किसानों की आय दोगुना करने के प्रधानमंत्री के संकल्प के समर्थन में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया है कुलपति प्रोफ़ेसर भरत मिश्र ने प्रधानमंत्री के इस संकल्प के प्रति विश्वविद्यालय की वचनबद्धता को दोहराया और कहा कि गोद लिए गांव में कृषकों की आय बढ़ाने की हर संभव प्रयास किए जाएंगे इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां के वैज्ञानिकों की समस्याओं के समाधान के लिए उत्पादन प्रबंधन और प्रयोग चंद्रमणि त्रिपाठी ने किया उन्होंने कहा कि जैविक खादों के प्रयोग से उत्पादन होता है यथार्थ की जैविक खेती सिर्फ उत्पादन करती है बल्कि उत्पादन की निरंतरता को भी बनाती है और मिट्टी की उर्वरा शक्ति है डॉ त्रिपाठी ने यह भी बताया कि जैविक उत्पादों को बाजार में अपेक्षाकृत अधिक मूल्य मिल रहा है इसलिए कृषकों को जैविक कृषि को अपनाना और बढ़ावा देना चाहिए कृषि विशेषज्ञ विजय गौतम ने बीज उत्पादन पर अपना व्याख्यान किया उन्होंने बताया कि उन्नत और प्रतिरोधक क्षमता वाले भी अपेक्षाकृत अच्छी पैदावार देते हैं पुरुषों के संरक्षण पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया विश्वविद्यालय के एग्रोनॉमी और उत्पादकों की जिज्ञासाओं का समाधान किया कुशवाहा ने सरकार की नीति दलहनी और तिलहनी फसलों में आत्मनिर्भर बनने की है इसलिए अनेक राज्यों में इसे समर्थन मूल्य किया जा रहा है हमारे क्षेत्र के इसका लाभ ले सकते हैं सुधाकर मिश्रा मशरूम उत्पादन की बारीकियों और लाभ से उन्होंने कहा कि कृषकों की प्रमुख समस्या खेती की लागत का निरंतर बनाना आता है कृषि सहायक गतिविधियों से लाभ कमाया जा सकता है और खेती को लाभ का धंधा बनाया जा सकता है मशरूम उत्पादन में व्यापक संभावनाएं सर्वाधिक प्रोटीन वाला पदार्थ के व्यंजन और अन्य क्षेत्रों में विशेषज्ञ डॉक्टर शिव शंकर सिंह ने सब्जियों की खेती पर विचार से प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि सब्जियों की खेती सीधे-सीधे लाभ प्रदान करती है लेकिन क्षेत्र में जल स्रोतों की सीमा और अन्य पशुओं की समस्या सबसे प्रमुख ड्रिप इरिगेशन और प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन क्षेत्र में लोकप्रिय बनाने के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण सुझाव के सम्मुख रखें पशु वैज्ञानिक डॉ उमेश कुमार शुक्ला ने पशु प्रबंधन एवं दुग्ध उत्पादन व्यवसाय और रोजगार की संभावनाओं को विस्तार से कृषकों के सम्मुख रखा उन्होंने कहा कि एक शख्स गाय एक पूरे परिवार का भरण पोषण कर सकती है दूध के विभिन्न विकल्पों के रूप में मूल्य संवर्धन की गतिविधियों को क्षेत्र में लोकप्रिय बनाने पर बल दिया उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ी है और गाय के दूध के साथ-साथ बकरी के दूध और दही का बाजार पड़ता जा रहा है इसमें अनेक रोजगार संभावनाएं छिपी हुई कृषि संकाय के अधिष्ठाता देव प्रभाकर कहा कि संकाय के सदस्य अपनी विशेषज्ञ सेवाओं का लाभ देकर न केवल क्षेत्र की कृति समस्याओं का समाधान देना चाहते हैं बल्कि शोध आधारित सुझावों से किसी माध्यम से उनकी याद को बढ़ाना चाहते हैं विश्वविद्यालय के संकाय कृषि विश्वविद्यालय का संस्कृति संकाय आसपास के कृषकों के लिए समाधान पेड़ा और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में अपनी सेवाएं देने के लिए सदैव तत्पर कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन विज्ञानियों ने किया इस अवसर पर कृषि प्रसार के विशेषज्ञ सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे ग्रामोदय महोत्सव कार्यक्रम की श्रंखला में आयोजित कृषक गोष्ठी में बड़ी संख्या में स्थानीय आंचलिक कृषि और कृषि विज्ञान के छात्रों ने अपनी सहभागिता की।

उन्नत पशु स्पर्धा हुई
कृषक गोष्ठी के साथ-साथ कृषि संकाय में उन्नति प्रतियोगिता का भी आयोजन इस क्षेत्र में पशु संवर्धन गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया। इस श्रेणी में पालतू गाय और कुत्तों की प्रतियोगिताएं हुई संयोजन डॉ उमेश कुमार शुक्ला ने किया।

महिला सशक्तिकरण के विविध आयाम विषय को लेकर गोष्ठी
इस अवसर पर कुलपति प्रोफ़ेसर भरत मिश्रा ने कहा कि मातृ शक्ति शक्ति बुद्धि और सद्बुद्धि का अच्छा स्रोत है वैदिक काल में महिलाओं की स्थिति का सर्वविदित लेकिन बीच के काल खंडों में महिलाओं के प्रति दुराग्रह और भेदभाव का वातावरण बना आज का विमर्श रिश्ता नहीं सामंजस्य आधारित है विशेषता नहीं समरसता आधारित है विवाद नहीं संवाद आधारित है विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में आधी आबादी की पूरी सहभागिता को कैसे सुनिश्चित किया जाए यही महत्वपूर्ण मेरी दृष्टि में महिला सशक्तिकरण के शिक्षा स्वास्थ्य विधिक आर्थिक राजनीतिक पारिवारिक तथा संस्कृति संस्कार संबंधी आयाम प्रमुख है मुख्य वक्ता महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय सतना की प्रोफेसर अनुराधा जैन ने महिला सशक्तिकरण का आधारशिला माना उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की शिक्षा के प्रति दोहरे मापदंडों महिला सशक्ति के मार्ग में बाधक माना और जागरूकता लाने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया प्रोफेसर ने कहा कि सरकार की योजनाओं से महिलाएं सशक्त हुई है परंतु सुरक्षा के मुद्दे पर अभी और प्रयास करने व समाज की मानसिकता बदलनी जरूरी है विशिष्ट वक्ता डॉ कुसुम कुमारी सिंह ने नारी सशक्तिकरण के विविध आयामों की चर्चा करते हुए कहा कि आधुनिक जीवन का ऐसा कोई भी आयाम नहीं है जिस पर महिलाओं ने अपने व्यक्तित्व और काम से विशेष सशक्तिकरण विषय की संगोष्ठी में सिंधु मिश्रा सौम्या सिंह अर्चना शर्मा अंकिता शर्मा सौम्या पाठक अनामिका गरिमा सिंह ने अपने विचार रखे। संगोष्ठी में अर्चना सिंह, सीमा शर्मा दिव्या त्रिपाठी राजेश्वरी द्विवेदी वंदना सिंह नीलम कुशवाहा गीता वसुंधरा और वंदना शुक्ला की उपस्थिति और संबोधन विशिष्ट रहे। कार्यक्रम का संयोजन नीलम चौरे ने किया।

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