चित्रकूट : दिव्यांग बच्चों के शैक्षिक उत्थान में कार्यरत राष्ट्रीय संगठन नासेर्प के बैनर तले शनिवार को आनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में विशेष सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग अजीत कुमार ने दिव्यांग बच्चों को समाज का अभिन्न अंग मानते हुए उनकी विशेषता को समावेशी शिक्षा के माध्यम से निखारने, उनके अधिकारों के लिए व उनके उत्थान के लिए लड़ने के लिए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
विशिष्ट अतिथि बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने कहा कि शिक्षा के विकास को तब तक अधूरा माना जाएगा, जब तक सभी को समावेशी शिक्षा का हिस्सा न बनाया जाए। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित की जाने वाली समस्त योजनाओं के अक्षरसः अनुपालन के लिए विशेष शिक्षकों का आभार जताया। दिव्यांग विश्वविद्यालय के पीआरओ व नासेर्प के उपाध्यक्ष एस पी मिश्रा ने दिव्यांगता को अभिशाप नहीं, बल्कि वरदान के रूप में स्वीकार करने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि आपके संगठन को जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने संरक्षण प्रदान किया है, तो आप सभी अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए धैर्य रखें। जल्द ही आने वाले समय में बेहतर भविष्य का निर्माण होगा। कहा कि विशेष शिक्षकों को वर्तमान में जितने मानदेय पर नौकरी चल रही हैं, वह निश्चित ही चिंतनीय हैं। इनके भविष्य के लिए नियमित रूप से सरकार को सोचना होगा। नासेर्प संगठन की ज्वाइंट सेक्रेट्री उत्तर प्रदेश यूनिट वर्तिका शुक्ला ने दिव्यांग बच्चों के शैक्षिक विकास में कार्यरत विशेष शिक्षकों की परिस्थितियों के दृष्टिगत उनकी समस्याओं के निवारण की बात कही। कार्यक्रम में सांकेतिक भाषा के इंटरप्रेटर पंकज शर्मा, इंद्राणी देवांगन व सचिन लोधी का विशेष योगदान रहा। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष रजनीश पांडेय, राष्ट्रीय महासचिव अभय प्रकाश श्रीवास्तव, तकनीकी सहयोग नागेंद्र प्रताप, प्रियंका भनोट, दीपमाला गौतम, नासेर्प संगठन के उपाध्यक्ष नागेश पांडेय, राम प्रवेश तिवारी व अपूर्व द्विवेदी आदि ने प्रतिभाग किया।