ग्राम्य समस्याओं के निराकरण का केंद्र बने विश्वविद्यालय – बसवराज पाटिल

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– ग्रामोदय महोत्सव का चौथा दिन
चित्रकूट 11 फरवरी 2022। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में आयोजित पंच दिवसीय ग्रामोदय महोत्सव के चौथे दिन आज ग्रामोदय व्याख्यानमाला का प्रारंभ हुआ। नवाचार के रूप में प्रारंभ की गई इस उद्बोधन श्रृंखला के प्रथम आयोजन में कर्नाटक से पधारे ख्याति लब्ध चिंतक लोकसभा एवं राज्यसभा के पूर्व सदस्य और 60 वर्ष की उम्र में राजनीतिक ऊंचाइयों को त्याग कर समाज के विकास के लिए समर्पित बसवराज गणपतराव पाटिल सेदम ने अनुभव आधारित व्याख्यान से समा बांध दिया। युवाओं को भावी जीवन की सफलता के लिए पांच सूची निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि ज्ञान के लिए पढ़ो, ना कि नौकरी के लिए । स्वावलंबी बनो है ना कि दूसरों पर निर्भर। देने वाले बनो ना कि मांगने वाले। पुरुषार्थी बनो ना कि पलायन वादी। राष्ट्र का चिंतन करो ना कि स्वार्थ चिंतन।
ग्राम विकास के परिदृश्य पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि जिसे देखो वह शहर के विषाक्त वातावरण की ओर भाग रहा है। सब कुछ मुफ्त में मिल जाए बिना परिश्रम के मिल जाए। इस भाव  ने स्वावलंबन की भावना को ही समापन कर दिया है ।उन्होंने कहा कि आज हम ग्राम में विकास के नाम पर शहरीकरण कर रहे हैं। किसान जो सबको देने वाला है वह उपेक्षित और पीड़ित है। ग्राम को सुविधाओं से युक्त बना इसके सुरम्य वातावरण को बनाए रखना ही आज की सबसे बड़ी जरूरत है। नहीं तो शहरों के खराब वातावरण में रहने के लिए हम अभिशप्त  होंगे।
उन्होंने कहा कि गांधी जी और नाना जी के नाम से जुड़े इस विश्वविद्यालय को अपनी गतिविधियों और काम के जरिए गांव के लोगों की जिंदगी में बदलाव लाना चाहिए ।
ज्ञातव्य है इस वर्ष के ग्रामोदय महोत्सव का यह विशिष्ट आकर्षण है कि इसके विविध कार्यक्रम में न केवल सेवारत और अध्ययनरत विद्यार्थी बल्कि ग्रामीण विकास की विचारधारा से जुड़े विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षक अधिकारी और कर्मचारी तथा पूर्व छात्र भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं ।विशिष्ट अतिथि दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि अधिक उम्र होने के बाद भी नाना जी ने अपने संकल्प से वह कर दिखाया जो आज सभी के लिए प्रेरणादायक है। 60 वर्ष के सक्रिय राजनीतिक जीवन से संन्यास लेकर नाना जी ने अगले 34 वर्ष राष्ट्र सेवा के लिए अर्पण किए और उसका प्रभाव हम आज देख रहे हैं ।दीनदयाल शोध संस्थान के माध्यम से 50 किलोमीटर की परिधि में आने वाले गांव और वहां रहने वाली आबादियों में संचालित ग्राम्य विकास के कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रोफेसर भरत मिश्रा ने आश्वस्त किया कि बसव राज जी द्वारा जो अपेक्षाएं  इस विश्वविद्यालय से की है, उसे पूर्ण करने का हम संकल्प ले रहे हैं
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन सरस्वती वंदना और कुलगीत से हुआ। अतिथि परिचय और स्वागत व्याख्यानमाला संयोजक प्रोफेसर आई पी त्रिपाठी ने किया। ग्रामोदय महोत्सव के संयोजक प्रोफ़ेसर नंदलाल मिश्र द्वारा आभार प्रदर्शन और पत्रकारिता के प्राध्यापक प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार व्यास ने संचालन किया। उद्बोधन श्रृंखला के बाद मुख्य अतिथि श्री बसवराज पाटिल ने ग्रामोदय महोत्सव के अंतर्गत आयोजित अन्य गतिविधियों में सहभागिता की। ग्रामोदय प्रदर्शनी के अवलोकन के बाद उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की। खेल परिसर में जाकर उन्होंने खेल प्रतिस्पर्धा का आनंद लिया।

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