चित्रकूट : तुलसी पीठ के मानस हाल में जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज के जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित वाल्मीकि रामायण पर आधारित नौ सत्रीय रामकथा की गुरुवार को पूर्णाहुति हुई। कथा के नौवें सत्र का आरंभ श्रद्धालुओं की प्रश्नावली से हुआ। श्रद्धालुओं ने जगद्गुरू से शास्त्रीय जिज्ञासा से सम्बन्धित प्रश्न पूछे और जगद्गुरु ने अपने चिर-परिचित आत्मविश्वास के साथ उन प्रश्नों का उत्तर दिया।
नौवें दिन की कथा में जगद्गुरु ने श्रीराम और श्रीकृष्ण प्रमुख वैषम्य पर भी प्रकाश डालते हुए बताया कि श्रीकृष्ण भविष्य की बात करते हैं, लेकिन प्रभु श्रीराम सदैव वर्तमान की बात करते हैं।
उत्तराधिकारी आचार्य रामचन्द्र दास ने प्रतिदिन की ही भांति कथा का उपसंहार प्रस्तुत किया। कथा के यजमान लालजी केवला प्रसाद त्रिपाठी ने सभी का धन्यवाद ज्ञपित किया। इस दौरान जेआरएचयू के कुलसचिव आर पी मिश्र, लेखाधिकारी न्यायबन्धु गोयल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डॉ मनोज पांडेय, प्रज्ञाचक्षु विद्यालय की प्रधानाचार्या निर्मला वैष्णव, उमेश श्रीवास्तव, विपुल प्रकाश शुक्ल, मानस शुक्ल, विनय, गोविंद, उत्सव, दीनानाथ दास, मदनमोहन दास, आञ्जनेय दास, वैभव, विशंभर, हिमांशु त्रिपाठी, कश्यप, पूर्णेंदू तिवारी व विवेक उपाध्याय आदि मौजूद रहे।