चित्रकूट: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जनपद न्यायाधीश के दिशा-निर्देशन एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव विदुषी मेहा ने जिला कारागार एवं बाल संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण किया। इस दौरान विधिक जागरूकता शिविर का भी आयोजन किया गया।
निरीक्षण के दौरान सचिव ने जिला कारागार के बंदियों से उनकी समस्याओं के बारे में जानकरी प्राप्त की। सचिव ने जिला कारागार का भ्रमण कर साफ-सफाई का भी जायजा लिया। बंदी सोनू, भल्ला, शिवा, शीला, कलावती व अन्य से बात की। बाल संप्रेक्षण गृह में विधिक साक्षरता शिविर के दौरान बाल-अपचारियों के विधिक अधिकारों तथा किशोर न्याय (बालकों के देख-रेख व संरक्षण) अधिनियम, 2015 के बारे में विस्तृत रुप से बताया गया। शिविर के दौरान बाल सम्प्रेक्षण गृह के अधीक्षक वीर सिंह ने बताया कि 15 से 18 वर्ष के बच्चों का कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण कराया जा रहा है। बाल-अपचारियों के रहन-सहन व खान-पान आदि के बारे में पूछताछ की गई, तो बाल अपचारियों ने किसी प्रकार की शिकायत नहीं की। विधिक जागरुकता शिविर में बच्चों की मैत्रीपूर्ण विधिक योजना 2015 तथा बाल सेवा योजना 2021 के प्रति जागरुक किया गया।